Wednesday, May 31, 2023

जाति आधारित जनगणना

 जातिगत जनगणना कई कारणों से जरूरी होती है। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:


1. सामाजिक न्याय: जातिगत जनगणना जातियों और समुदायों के बीच सामाजिक और आर्थिक असमानताओं की पहचान करने में मदद करती है। यह जानकारी सरकार को उन वर्गों को पहचानने और समाधान करने की संभावना देती है जिन्हें सबसे अधिक समर्पिती की जरूरत होती है।


2. आरक्षण नीति: जातिगत जनगणना आरक्षण नीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आरक्षण के लिए योग्य वर्गों की पहचान करने और उन्हें संख्यात्मक आंकड़े प्रदान करने में मदद करती है, जिससे वे समाज की असमानताओं को सुधारने और न्यायपूर्ण वितरण की सुनिश्चित करने के लिए उचित आरक्षण योजनाएं बना सकें।


3. योजनाबद्धता: जातिगत जनगणना सरकारी योजनाओं की योजनाबद्धता में मदद करती है। यह आंकड़े उपलब्ध कराने और आपातकालीन योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल


्याण कार्यक्रमों को योजनाबद्ध ढंग से चलाने में मदद करती है। इससे सरकार आंकड़े के आधार पर आर्थिक योजनाओं को समर्थित कर सकती है और आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संसाधनों को प्राथमिकता दे सकती है।


4. नीति निर्माण: जातिगत जनगणना जातिगत अनुपात, जातिगत समानता और विभाजन के आधार पर न्यायान्य आर्थिक योजनाओं का निर्माण करने में मदद करती है। यह आंकड़े सरकार को उचित नीति निर्माण करने और समाज के सबसे कमजोर और संघर्ष कर रहे वर्गों को सहायता प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।


इन कारणों से जातिगत जनगणना जरूरी है ताकि सरकार समाज में समानता, न्याय और विकास को सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई कर सके।

Wednesday, May 17, 2023

भाजपा का इतिहास

 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का निर्माण वर्ष 1980 में हुआ था। यह भारतीय राजनीतिक पार्टी है जो अधिकांशतः हिन्दू नेतृत्व में है और राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाती है। 


भाजपा के निर्माण का मुख्य कारण था एक संगठित राष्ट्रवादी दल की आवश्यकता के मद्देनजर एकीकृत राष्ट्रवादी विचारधारा को सम्मिलित करना। पहले स्वतंत्रता सेनानी जन संघ की संगठना थी, फिर उसे जन संघ बोलते थे और बाद में 1980 में वह भाजपा बन गई।


भाजपा ने अपने स्थापना के बाद से भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे राष्ट्रीय संघ परिवार का हिस्सा माना जाता है और यह कांग्रेस पार्टी के बाद भारत की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है।


भाजपा के गठन के बाद से कई प्रमुख नेताओं ने इसे संचालित किया है, जैसे आटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी और अमित शाह। वर्तमान में नरें


द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।


भाजपा ने अपनी सत्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया है, जैसे स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री जन धन योजना, आयुष्मान भारत, नमामि गंगे, भारतीय नागरिकता संशोधन बिल, तीन तलाक पर प्रतिबंध, और जनधन खाता योजना, आदि।


भाजपा का मुख्य लक्ष्य हिन्दू विचारधारा को प्रचारित करना, राष्ट्रवाद को स्थापित करना और भारत में विकास, सुरक्षा और एक समरस्त समाज की रचना करना है। इसके आलावा, भाजपा द्वारा विभिन्न मुद्दों पर भी काम किया जाता है जैसे कि आर्थिक विकास, विदेशी नीति, सुरक्षा, सामाजिक मुद्दे, और सांस्कृतिक मुद्दे।

Tuesday, May 16, 2023

Facebook followers increasing

 फेसबुक पर फॉलोअर्स को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन कर सकते हैं:


1. आकर्षक प्रोफ़ाइल: एक प्रोफ़ाइल तैयार करें जो लोगों को आकर्षित करे। अपनी प्रोफ़ाइल पिक्चर, कवर फ़ोटो, और बायो इंप्रेसिव बनाएं।


2. आपके पोस्ट की गुणवत्ता: आपके पोस्ट की गुणवत्ता पर ध्यान दें। मानक पोस्ट बनाएं, दिलचस्प विषयों पर चर्चा करें, रुचिकर तस्वीरें शेयर करें और संवाद में हिस्सा लें।


3. वार्तालाप में भाग लें: अपने फॉलोअर्स के साथ संवाद में भाग लें। उनके टिप्पणियों और प्रश्नों का जवाब दें और उनसे संवाद करें।


4. प्रमोट करें: अपने फेसबुक प्रोफ़ाइल को अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर प्रमोट करें। अपने फेसबुक लिंक को ब्लॉग पोस्टों, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि में साझा करें।


5. हास्टैग का उपयोग करें: अपने पोस्ट में उचित हास्टैग का उपयोग करें। हास्टैग के माध्यम से आप अपने पोस्ट को उन लोगों त


क पहुंचा सकते हैं जिन्हें उस विषय में रुचि हो सकती है।


6. समुदाय में शामिल हों: अपने रुचियों और विषयों के साथ जुड़े फेसबुक समुदायों में शामिल हों। वहां विचार-विमर्श में हिस्सा लें और लोगों के साथ नेटवर्किंग करें।


7. फेसबुक पृष्ठ और समूहों में शामिल हों: अपने रुचियों के आधार पर फेसबुक पृष्ठों और समूहों में शामिल हों। वहां आप अपने विषय में चर्चा कर सकते हैं और अपने पोस्ट को उन लोगों के साथ साझा कर सकते हैं जिन्हें उस विषय पर रुचि हो सकती है।


8. प्रतिक्रियाशील रहें: फॉलोअर्स के साथ संवाद में सक्रिय रहें और उनके प्रतिक्रियाओं का समय पर जवाब दें। यह आपकी संवेदनशीलता और संवेदनशीलता को दिखाएगा और आपके फॉलोअर्स को एक अच्छा अनुभव देगा।


याद रखें, फॉलोअर्स की संख्या मात्रा में ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आपके फॉलोअर्स की गुणवत्ता और संवादित क्षमता में भी ध्यान देना चाहिए। सक्र


िय और समर्पित फेसबुक उपयोगकर्ता होने से आप अपने सामाजिक मीडिया प्रेसेंस को स्थायी और स्थिर बना सकते हैं।

Right To recall

 "राइट टू रिकॉल" (Right to Recall) एक नागरिकाधिकार है जिसके द्वारा नागरिकों को अपने निर्वाचित प्रतिनिधि को अवकाशित करने का अधिकार होता है। इसका मतलब होता है कि यदि निर्वाचित प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के दौरान नागरिकों की उम्मीदों या मांगों पर पूरी तरह से पूरा नहीं उतरता है, तो नागरिकों के पास उन्हें अवकाशित करने का अधिकार होता है।


राइट टू रिकॉल की सिद्धांतिक आधार में माना जाता है कि नागरिकों का विश्वासमत प्रतिनिधि सरकार के नियंत्रण में होना चाहिए, और वे प्रतिनिधि के कार्यों और निर्णयों पर निर्धारित समय के बाद फिर से निर्वाचित करने का अधिकार रखते हैं। इसे एक उपनगर चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, जहां नागरिक अपने निर्वाचित प्रतिनिधि की निष्पक्षता और कार्यक्षमता के आधार पर उसे अवकाशित कर सकते हैं।


राइट टू रिकॉल की व्यवस्था के बारे में अनेक विचाराधीन मामले हैं। कुछ लोग इसे नागरिकों के नियंत्रण का महत्व


पूर्ण माध्यम मानते हैं, जबकि कुछ इसे निर्वाचित प्रतिनिधि के पास कार्यकाल के दौरान निष्पक्षता और कार्यक्षमता का दबाव डालने का माध्यम मानते हैं। हालांकि, इसके प्राकृतिक व्यवस्थापन और कार्यान्वयन की कठिनाइयाँ हो सकती हैं, और इसे निष्पादित करने के लिए संविधानिक, कानूनी, और निर्वाचन प्रक्रिया संबंधी संशोधन की जरूरत होती है।


भारतीय संविधान में "राइट टू रिकॉल" नामक कोई विशेष अधिकार या प्रावधान नहीं है, और इसके लागू होने के बारे में कोई साधारित नियम नहीं हैं। इसलिए, राइट टू रिकॉल की सामान्य व्याख्या देश के विभिन्न नागरिकों और समाज के विचारधारा पर आधारित होती है और इसे अलग-अलग तरीकों में व्याख्या किया जा सकता है।

बंजारा समाज

 बंजारा समाज एक भारतीय जाति है जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में बसा हुआ है। बंजारा समाज अपनी खास संस्कृति, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध है।


बंजारा समाज की जाति समूह में गाड़ी, मदार, लंगड़ा, भांगर और नतबान्या शामिल हैं। इन जातियों के सदस्यों का मुख्य ध्येय होता है खड़े शेरनी या घोड़े की दौड़ करते हुए व्यापार करना। इसलिए वे रोड़ों पर यात्रा करते हैं और वस्त्र, खाद्य पदार्थ और अन्य वस्तुओं की व्यापारिक गतिविधियों में निर्माण और विपणन करते हैं।


बंजारा समाज के सदस्य गरीबी, असामाजिकता और शोषण के सामाजिक मुद्दों का सामना करते हैं। वे अक्सर सामाजिक रूप से छुटीसमय जाति के रूप में देखे जाते हैं और अधिकांशतः न्याय, सम्मान और अवसरों से वंचित रहते हैं। उन्हें शिक्षा, स्व


ास्थ्य सुविधाएं, और आर्थिक विकास के अवसरों में बाधाएं आती हैं।


बंजारा समाज की संस्कृति और परंपराएं उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे अपने प्राचीन नृत्य, गीत, संगीत, और परंपरागत पहनावों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका परंपरागत विवाह प्रणाली, धार्मिक आयोजन और सामाजिक गतिविधियों में विशेष महत्त्व होता है।


बंजारा समाज के सदस्य आज भी अपनी पारंपरिक रीति-रिवाजों, धर्म और सामाजिक अदालतों का पालन करते हैं। हालांकि, उन्हें अपने शिक्षा, आर्थिक विकास और सामाजिक उच्चताओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्हें समाज के अन्य सदस्यों के साथ सामाजिक समानता और विकास की सुविधाएं मिलनी चाहिए।

Sunday, August 22, 2021

रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाये?

Covid19 कोरोना वायरस से बचाव के लिये भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार योग को प्रतिदिन सुबह 30 मिनिट करने के लिये बताया गया हैं । हमने कुछ योगा और व्ययाम बताए हैं जो आप घर हर कर भी आसानी से कर सकते हैं और इस महामारी से बचाव कर सकते।

Friday, August 20, 2021

चंद्र नमस्कार

 चंद्र नमस्कार करने के अनेक फायदे है । चंद्र नमस्कार से व्यक्ति का शरीर मजबूत होता है 

जाति आधारित जनगणना

 जातिगत जनगणना कई कारणों से जरूरी होती है। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं: 1. सामाजिक न्याय: जातिगत जनगणना जातियों और समुदायों के बीच सामाजि...